Yaha Me Ajnabi Hun......

कभी पहले देखा नहीं ये समाँ
ये मैं भूल से आ गया हूँ कहाँ

यहाँ मैं अजनबी हूँ
मैं जो हूँ बस वही हूँ
कहाँ शाम-ओ-सहर ये, कहाँ दिन-रात मेरे
बहुत रुसवा हुए हैं, यहाँ जज़्बात मेरे
नई तहज़ीब है ये, नया है ये ज़माना
मगर मैं आदमी हूँ, वही सदियों पुराना
मैं क्या जानूँ ये बातें, ज़रा इन्साफ़ करना
मेरी ग़ुस्ताख़ियों को, ख़ुदारा माफ़ करना
यहाँ मैं अजनबी...

तेरी बाँहों में देखूँ, सनम ग़ैरों की बाँहें
मैं लाऊँगा कहाँ से, भला ऐसी निगाहें
ये कोई रक़्स होगा, कोई दस्तूर होगा
मुझे दस्तूर ऐसा, कहाँ मंज़ूर होगा
भला कैसे ये मेरा, लहू हो जाए पानी
मैं कैसे भूल जाऊँ, मैं हूँ हिन्दुस्तानी
यहाँ मैं अजनबी...

मुझे भी है शिकायत, तुझे भी तो गिला है
यही शिक़वे हमारी, मोहब्बत का सिला हैं
कभी मग़रिब से मशरिक़, मिला है जो मिलेगा
जहाँ का फूल है जो, वहीं पे वो खिलेगा
तेरे ऊँचे महल में, नहीं मेरा गुज़ारा
मुझे याद आ रहा है, वो छोटा सा शिकारा
यहाँ मैं अजनबी...

3 comments:

  1. Kahan se chale kahan ke liye,yeh khabar nahi thi magar koi bhi seera jahan jaa mila wohi tum miloge,ke hum tak tumhaari sadaa aa rahi he...

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  2. Sir,I personally appreciate ur ds page,but sir pls let me tell u dat when some1 deeply in love wid somebody even if millions miles away,he/she can't jump 2 anybody's arms.thatz what i strongly believe.Separation may bother us,ya its true,v r humans wid feelings but u must have believe & trust in ur love.People in ds very world r sacrificing dr entire life 4 love.Ordinary people like us makes history not god.This love shows varying colors sometimes wid flowers & sometimes wid thorns.but 4 sure it has 2 clear d test b4 v can say it 2 b a success.Thnx

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    1. कहाँ शाम-ओ-सहर ये, कहाँ दिन-रात मेरे
      बहुत रुसवा हुए हैं, यहाँ जज़्बात मेरे

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